Nawada : Good news : नन्हे हाथों ने रंग और कूची से बदल दी विद्यालय की तस्वीर
शिक्षक श्रीकांत ने बच्चों में जगाई कला की ललक तो विद्यालय बन गया गांववालों का Selfie point
Bihar प्रदेश के Nawada जिला के वारिसलीगंज बरबीघा मुख्य मार्ग पर अवस्थित एक सरकारी विद्यालय है जिसे विद्यालय के ही बच्चों ने मिलकर उसके हर दीवार को आकर्षक चित्रकारी से भर दिया है. इस विद्यालय को पेंटर ने नहीं बल्कि नन्हे मुन्हे बच्चों ने अपनी मिहनत और कल्पनाशीलता से सजाया संवारा है. विद्यालय प्रवेश करते ही इंद्रधनुषी छटा चारों ओर बिखरी मिलती है. मानों हम विद्यालय में नहीं बल्कि किसी स्वप्नलोक में आ गए हैं. हर दीवार सजी धजी है. दीवार पर बनी पेंटिंग लगती है मानो अब बोल पड़ेगी या तब बोल पड़ेगी. दीवार पर बनाई गई हर तस्वीर से बच्चों का आत्मिक संवाद सहज ही देखा जा सकता है.
ये चित्रकारी इतनी जीवंत है कि पहली बार देखने पर ही लगता है कि किसी दक्ष हाथों ने इसे बनाया है. परंतु यह जानकर आप चौक जायेंगे कि पूरे विद्यालय की हर दीवार को खूबसूरत बना देने वाला कोई दक्ष हाथ नहीं बल्कि इसी विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों के हाथों की कला का यह परिणाम है. जी हां, हम बात कर रहे हैं नवादा जिले के Warisaliganj प्रखंड के मोहिउद्दीनपुर पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय बल्लोपुर ( हिंदी ) का, जहां शिक्षक श्रीकांत के साथ मिलकर इन बच्चों ने विद्यालय का लगभग हर एक कोना तथा हर एक क्लासरूम को अपने नाजुक हाथों की कलात्मकता से खूबसूरत बना दिया है. शिक्षक और बच्चों द्वारा की गई चित्रकारी जिले में इतनी लोकप्रिय है कि जिस किसी को भी खबर लगती है, वह विद्यालय पहुंचकर उन चित्रों के साथ अपनी सेल्फी अवश्य लेते हैं और बच्चों की इस प्रतिभा की भूरी भूरी सराहना करते हैं.
विद्यालय के सहायक शिक्षक श्रीकांत ने बताया कि चित्रकारी में सामाजिक सहयोग का भी योगदान है. समाज ने पेंट, ब्रश के लिए पैसे उपलब्ध कराएं. मैंने इन बच्चों को प्रोत्साहित किया कि इनके अंदर कला है और उस कला को विद्यालय की दीवारों पर वे उकेर सकते हैं. श्रीकांत ने न सिर्फ बच्चों को पेंटिंग सिखाया बल्कि उनके अंदर के प्राकृतिक गुणों को उभारा भी.
इस विद्यालय में उनके प्रयास से आर्ट गैलरी की स्थापना की गई है जिसमें बच्चों की खूबसूरत से खूबसूरत पेंटिंग और एक से एक बेहतरीन हैंडीक्राफ्ट्स का संग्रह है. श्रीकांत यही नहीं रुकते. वे बच्चों को मिट्टी की मूर्तियां बनाना भी सिखाते हैं. बच्चों द्वारा बनाई दर्जनों मूर्तियों की कलाकृतियां आर्ट गैलरी और लाइब्रेरी के टेबल पर सजाकर रखी हुई है. इस संबंध में बच्चों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि श्रीकांत सर ने कला के प्रति हमारी रुचि जगाई हैं. छात्रा सोनम, बबली, निगम, गुंजन, शबनम, वर्षा रानी, मुस्कान आदि बच्चों ने बताया कि श्रीकांत सर जब विद्यालय में आए तो उनको जब भी खाली समय मिलता, वे दीवारों पर चित्रकारी करने लग जाते. हमारा विद्यालय सुंदर लगने लगा. हम लोगों ने सोचा कि हम सब मिलकर करें तो पूरे विद्यालय को खूबसूरत बनाया जा सकता है. बच्चे बताते हैं कि श्रीकांत सर सिर्फ कला ही नहीं सिखाते, बल्कि इनके पढ़ाने के तरीके भी बहुत आनंदायी, मजेदार और आसान हैं.
वहीं शिक्षक श्रीकांत कहते हैं कि बच्चों में अद्भुत प्रतिभा है. मैने तो बस उनकी प्रतिभा को पहचाना और संसाधन उपलब्ध कराए हैं. विद्यालय की चित्रकारी में शामिल वर्षा रानी, मनीष, अभय, निगम, सोनम, रिया, बबली, शिवम, गुंजन, आर्यन, सागर, भारती, विक्की, सचिन, छोटू, सानिया, सिमरन, हिमांशु, साक्षी, कौशल ,अनुभव , साहिल राज, सिंटू आदि ने चित्रकारी में अग्रणी भूमिका निभाई. रंग और कूची से विद्यालय भवन को आकर्षक बनाने में इन्ही नन्हें हाथों का विशेष योगदान है.
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