Warisaliganj S.N.Sinha College के पूर्व प्राचार्य तथा हिन्दी के विद्वान प्रो.(डा.) निराला के निधन से जिले भर में शोक की लहर
Nawada जिले के एस.एन.सिन्हा कॉलेज, वारिसलीगंज के पूर्व प्राचार्य सह हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो.(डा.) शालिग्राम मिश्र "निराला" का शनिवार को निधन हो गया. वे 85 वर्ष के थे. उन्होंने IGIMS, Patna में इलाज के दरम्यान अंतिम सांसें ली.
उनके निधन की खबर सुनकर समूचे क्षेत्र सहित जिले भर में शोक की लहर दौड़ गई. पटना से पार्थिव शरीर को जैसे ही जवाहर पार्क, वारिसलीगंज स्थित आवास पर लाया गया गया, उनके अंतिम दर्शन के लिए सैंकड़ों लोग उमड़ पड़े. लोगों ने उन्हें नम आंखों से पुष्पांजलि अर्पित करते हुए अंतिम विदाई दी.
तत्पश्चात पार्थिव शरीर को एस.एन.सिन्हा कॉलेज लाया गया जहां अश्रुपूर्ण नेत्रों से कॉलेज कर्मियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. वाहनों से शोकाकुल परिजनों एवं शुभचिंतकों के साथ पार्थिव शरीर को बेगूसराय जिलें के सिमरिया गंगा घाट स्थित श्मशान घाट लाया गया जहां ज्येष्ठ सुपुत्र सह महिला कॉलेज वारिसलीगंज के प्राध्यापक प्रो. (डा.) रविन्द्र कुमार रवि ने अपने छोटे भाई विनय कुमार मिश्र तथा परिजनों की उपस्थिति में मुखाग्नि दी.
इसके साथ ही हिन्दी साहित्यकाश के जाजवल्यमान दीपित नक्षत्र एवम एक युग का अस्त हो गया. डा. निराला का जन्म नवादा जिले के वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पकरीबरावां प्रखंड के एरुरी ग्राम में हुआ था. उनके पिताजी स्व.चंद्रिका प्रसाद मिश्र वारिसलीगंज के मकनपुर मध्य विद्यालय में शिक्षक थे. इसके चलते उनका बचपन वारिसलीगंज में ही बीता.
वे 1971 से 2007 तक एस.एन.एस.कॉलेज, वारिसलीगंज के हिंदी विभागाध्यक्ष रहे. इसी बीच करीब दो वर्षों से अधिक समय तक उन्होंने इसी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य के रूप में सफलता पूर्वक कार्य किया. वे सिन्हा कॉलेज में स्थापना काल से ही प्राध्यापक पद पर कार्यरत थे .
वे बड़े ही सरल, सहज, मृदुभाषी, हाजिर जवाबी, व्यवहार कुशल और मजाकिया स्वभाव के जिंदादिल इंसान थे. हिन्दी साहित्य के वे विद्वान माने जाते थे. शिक्षाविद के रूप में इनकी जिले भर में पहचान थी. स्व. निराला की गिनती एक कर्तव्यनिष्ठ प्राध्यापक के नाते होती थी. गायन एवं वादन के क्षेत्र में भी उनकी अच्छी पकड़ थी.
मोटे तौर पर वे सभी धर्म, वर्ग, जाति, संप्रदाय तथा क्षेत्र के हर तबके के लोगों को यथोचित सम्मान देते थे. यही कारण है कि उनके निधन की खबर से हर कोई मर्माहत है.
- चंद्रमौलि शर्मा.
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