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Warisaliganj के उत्तर बाजार में समारोह आयोजित कर कोयरी टोला के प्राचीन देवी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए हुआ नया मंदिर का शिलान्यास, क्षेत्रवासियों में प्रसन्नता व्याप्त

 


Nawada जिले के वारिसलीगंज उत्तर बाजार कोयरी टोला स्थित प्राचीन देवी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए गुरुवार को समारोह आयोजित कर नया भव्य मंदिर का शिलान्यास किया गया. मंदिर के पुजारी एवं पुरोहित द्वारा विधिवत पूजा अर्चना के बाद नवादा की विधायक विभा देवी तथा जिला परिषद अध्यक्ष पुष्पा कुमारी के हाथों शिलान्यास का कार्य संपन्न कराया गया. 

मंदिर समिति द्वारा आयोजित समारोह में उपस्थित कॉंग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष मन्टन सिंह, पूर्व जिला पार्षद राजीव कुमार तथा पूर्व जिला पार्षद रामबालक यादव ने मंदिर जीर्णोद्धार एवं परिसर स्थित भवन के विकास के लिए हर सम्भव मदद करने का आश्वासन दिया. 


समारोह का संचालन करते हुए सेवा निवृत्त बैंक प्रबंधक कपिलदेव चौरसिया ने इस देवीस्थान के शक्ति पीठ होने के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि यह मंदिर वारिसलीगंज में सबसे प्राचीन मंदिर है जो मनोकामना सिध्दि मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि वारिसलीगंज में अन्य स्थानों का देवी मंदिर इस देवी मंदिर के बाद बना हुआ है.  धर्म एवं आस्था का प्रतीक इस देवी मंदिर का जीर्णोद्धार सबों के सहयोग से ही संभव है.


 मौके पर वारिसलीगंज नगर परिषद अध्यक्ष रेखा देवी, उपाध्यक्ष अरुण कुमार, समाजसेवी डब्लू गुप्ता, राजद नेता उमेश यादव, मंदिर प्रबंधन समिति उपाध्यक्ष ओमप्रकाश मेहता, अध्यक्ष अशोक कुमार, सचिव राजेश जी उर्फ जवाहर चौरसिया, सदस्य डॉ राकेश कुमार, पप्पू सेठ, बाल्मिकी कुमार, बिरेंद्र जी, डॉ अशोक कुमार, पिंटू चौरसिया, भोला प्रसाद, विजय प्रसाद तथा कोयरी टोला के गणमान्य सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.

लोगों का कहना है कि यह देवी मंदिर बहुत ही पुराना है. इस मंदिर का निर्माण सैकड़ो वर्ष पूर्व हुआ था. पहले यहां घनी आबादी नही थी. यहां से होकर छोटी नदी बहती थी. बाहर से प्रवासी के रूप में आये कुशवाहा समाज के लोग इस जगह बस गए तथा धार्मिक आस्था को लेकर यहां मंदिर का निर्माण किया. उसी समय से देवी मंदिर को शक्तिपीठ मानकर लोग अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना करने लगे. 

धीरे धीरे यह देवी मंदिर शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गया. स्थायी रूप से मंदिर की देखभाल एवं पूजा करने के लिए पुजारी भी रहने लगे. आज भी मंदिर में पुराने पुजारी मोकामा बाबा का मंदिर उनको समर्पित किया गया है जहां मंदिर बनाकर उनकी पूजा की जा रही है. मंदिर के जीर्णोद्धार की खबर से क्षेत्र वासियों में काफी प्रसन्नता देखी जा रही है.  

                        - चंद्रमौलि शर्मा.

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