Header Ads

Breaking News

दूसरे को न्याय दिलाने वाले खुद न्याय से वंचित, वकीलों के बैठने केलिए भवन निर्माण की मांग, पहली वारिस में ही जलमग्न हुआ कोर्ट परिसर

 



दूसरे को न्याय दिलाने वाले Nawada का  वकील समाज  खुद न्याय के लिए तरस रहे हैं. वे सब वर्षों से कोर्ट परिसर में झुग्गी झोपड़ी बनाकर उसमें बैठने को विवश हैं. वे बांस और लकड़ी के खंभे पर प्लास्टिक, फूस तथा करकट डालकर अस्थाई रूप से किसी प्रकार करीब एक हजार वकील बैठकर प्रैक्टिस कर रहे हैं. 

गर्मी और बरसात के दिनों में इन झोपड़ियों में रहना मुसीबत भरा काम है. ठीक से बैठने, ठंडी हवा, बाथरूम, पेय जल आदि की व्यवस्था शून्य रहने के कारण जब इन वकीलों से उनके क्लाइंट, परिजन या दोस्त मिलते हैं तो उन्हें समझ में नही आता है कि वे वकील के यहां आए हैं या किन्ही दरिद्रनारायण से मिलने आए हैं?

 कहा जाता है कि वकीलों के बिना अदालत अधूरा है. तो फिर वकीलों को न्याय के मंदिर में भी न्याय से वंचित क्यों किया जा रहा हैं ? वकीलों के बैठने के लिए  बगल की परती सरकारी जमीन पर वकलतखाना के लिए तत्कालीन जिला जज द्वारा भूमिपूजन कर शिलापट्ट भी लगाया गया था. परंतु आज तक भवन का निर्माण नहीं हो सका.

 कई बार नवादा सिविल कोर्ट में निरीक्षण के लिए आए माननीय पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों से भी वकीलों के बैठने के लिए नवादा जिला अधिवक्ता संघ ने आधुनिक सुविधाओं से युक्त भवन निर्माण की मांग की. आश्वासन भी मिला. परंतु नतीजा सिफर रहा. 

शुक्रवार को जैसे ही वर्षा हुई, समूचा कोर्ट परिसर जलमग्न हो गया. ऊपर तथा नीचे दोनो ओर से पानी आने के चलते झोपड़ी में बैठना मुश्किल हो गया. अभी तो वर्षा शुरू ही हुई है, लगातार वर्षा होगी तब लोग कैसे बैठेंगे ?, इसकी चिंता वकीलों को सताए जा रही है. 

नवादा अधिवक्ता संघ महासचिव संतशरण शर्मा, सुनीता कुमारी, रंजीत पटेल, अरुण कुमार, अखिलेश नारायण, अशोक कुमार, चंद्रमौली शर्मा आदि ने माननीय जिला जज से वकीलों के बैठने तथा प्रैक्टिस करने के लिए शीघ्र आधुनिक सुविधाओं से युक्त भवन बनाने की मांग की है.

No comments