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सतत प्रयास और कड़ी मिहनत है सफलता का मूल मंत्र, गरीबी डिगा नहीं सकती जब लक्ष्य पाने की जिद हो सामने - नीतीश

 

' कौन कहता है आकाश में सुराख नहीं हो सकता ?, एक पत्थर तबियत से उछालो तो यारों ' कहावत को चरितार्थ कर दिखाया वारिसलीगंज के लाल नीतीश ने.

बिहार प्रदेश के Nawada जिलांतर्गत वारिसलीगंज प्रखंड के कुटरी गांव निवासी नीतीश कुमार ने 68 वीं BPSC की परीक्षा के सामान्य कोटि में 36 बां रैंक लाकर कमाल कर दिया है. इसकी चर्चा समूचे क्षेत्र में लोगों की जुबान पर है.

पूजा पाठ कर अपना परिवार चलाने वाले गरीब ब्राह्मण अश्वनी पाठक ने जब सुना कि उनका लाल BDO बन गया है तो उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था. परंतु रिजल्ट देखकर उनके शुभचिंतक जब उन्हें बधाई देने लगे और यह समाचार में छप गया तो श्री पाठक को विश्वास हुआ. तब उनके परिवार और रिश्तेदार में खुशियों की बरसात सी ही गई.

मंगलवार को दिल्ली से NEWS TODAY 365 से बात करते हुए नीतीश ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव कुटरी के सरकारी मध्य विद्यालय में हुई. इंटर विद्यालय, कुटरी से उन्होंने 2013 में मैट्रिक तथा 2015 में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण की. वारिसलीगंज एस.एन.सिन्हा महाविद्यालय से उन्होंने 2018 में बी.ए. प्रतिष्ठा पास की.

तत्पश्चात श्री कुमार संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के लिए 2018 के दिसंबर माह में दिल्ली चले आए. उन्होंने मुखर्जी नगर, दिल्ली स्थित Drishti IAS Coaching में 2019-2020 सत्र में नामांकन कराया. उस वक्त कोरोना का कठिन दौर था. प्रथम प्रयास में ही उन्होंने हिन्दी माध्यम से बीपीएससी की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर सबों को चौका दिया.

श्री कुमार ने कहा कि मैं तो ठहरा गांव का लड़का. शहर के चकाचौंध से दूर रहा. घर की आर्थिक हालत के कारण मुझे लगता था कि कैसे मैं सफलता प्राप्त करूंगा ? क्योंकि अंग्रेजी माध्यम के नामी गिरामी स्कूल से पढ़े छात्रों के बीच मुकाबला जो करना था मुझे. मैने काफी संघर्ष किया और कड़ी मिहनत की.

उन्होंने कहा कि माताजी, पिताजी, चाचाजी, भाई और शुभ चिंतक मुझे लक्ष्य प्राप्ति के लिए अक्सर उत्साहित करते रहते थे. दोस्त भी हौसला बढ़ाते रहते थे. मैंने जी तोड़ मिहनत कर सबों के आशीर्वाद से सफलता पाई. यह तो सिर्फ पड़ाव है, लक्ष्य तो है उन्हें IAS बनना.

24 वर्षीय नीतीश ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए सदैव ऊंचा सोचें. विद्यार्थी अपनी प्रतिभा को पहचान कर उसका सदुपयोग करें. सुविधानुसार ऑनलाइन तथा ऑफलाइन कड़ी मिहनत करें. गरीबी कोई बाधा नहीं बन सकती. घर पर अथवा बाहर रहकर सतत प्रयास और कड़ी मिहनत से अपने लक्ष्य को हर हाल में प्राप्त किया जा सकता है.

                        - चंद्रमौलि शर्मा.

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