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Nawada-Tilaiya रेलखंड दोहरीकरण का CRS द्वारा स्पीड ट्रायल कर निरीक्षण किए जाने के साथ ही 124 Km. लम्बी किऊल-गया रेलखंड दोहरीकरण परियोजना पूर्ण, ट्रेनों का शीघ्र होगा परिचालन

 

Railway पूर्वी जोन के संरक्षा आयुक्त सुवोमोय मित्रा ने Danapur मंडल के Kiul-Gaya रेलखंड दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत लगभग 17 Km. लम्बे नव दोहरीकृत Nawada-Tilaiya रेलखंड का निरीक्षण किया.

इस दौरान संरक्षा आयुक्त द्वारा नवादा और तिलैया के मध्य नव निर्मित दोहरी लाइन, पुल-पुलिया तथा नवादा व तिलैया स्टेशन के मध्य Station भवन, Panel room, Relay  रूम एवं IPS room का निरीक्षण किया.

संरक्षा आयुक्त द्वारा विशेष ट्रेन से नवादा से तिलैया के मध्य 120 Km. प्रति घंटा की गति से सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल किया गया. संरक्षा आयुक्त की अनुमति प्राप्त होते ही नव दोहरीकृत रेलखंड पर ट्रेनों का आवागमन शुरू हो जाएगा.
इस अवसर पर दानापुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक जयंत कुमार चौधरी सहित निर्माण विभाग तथा दानापुर के उच्चाधिकारी मौजूद थे.

बता दें कि किउल एवं गया East Central Rail के दानापुर एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल का प्रमुख स्टेशन है. यह रेल खंड ग्रैंडकॉर्ड एवं मेन लाइन के यातायात दबाव को कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसकी महत्ता को देखते हुए 124 किलो मीटर लंबे किउल-गया रेलखंड का दोहरीकरण 1200 करोड़ रूपये की लागत से वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रदान की गई थी.

परियोजना के पूरा हो जाने से किउल-गया रेलखंड में ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी और क्षेत्र के औद्योगिक विकास में गति आएगी. किउल-गया के दोहरीकरण से लक्खीसराय, शेखपुरा, नवादा एवं अन्य जिलों के विकास में और गति आएगी. इसका लाभ बिहारवासियों को तो मिलेगा ही साथ ही Delhi-Howrah रेल मार्ग पर यात्रा करने वाले अन्य प्रदेश के यात्री भी लाभान्वित होंगे.

दोहरीकरण परियोजना को कई चरणों में पूरा किया गया है.
पहले चरण में दिसंबर 2019 में Manpur - Wazirganj  रेलखंड का कार्य पूर्ण करते हुए परिचालन के लिए खोला गया. इसके बाद विभिन्न चरणों में दोहरीकरण कार्य पूर्ण करते हुए वजीरगंज-तिलैया रेलखंड को सितंबर, 2022 में, किउल-शेखपुरा को फरवरी, 2023 में, शेखपुरा-काशीचक को सितंबर 2023 में, काशीचक-वारिसलीगंज रेलखंड को जनवरी 2024 में तथा वारिसलीगंज-नवादा रेलखंड को जुलाई 2024 में परिचालन के लिए खोला जा चुका हैं.

इस दोहरीकरण परियोजना के तहत कुछ नयेे यार्डों का भी निर्माण किया गया है जिसमें पैमार, नवादा, सिरारी, वजीरगंज, करजरा, करौटा पतनेर, काशीचक, शेखपुरा, वारिसलिगंज एवं मानपुर आदि प्रमुख हैं. किउल और गया के मध्य 124 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड में 32 बड़े तथा 304 छोटे पुलों का निर्माण किया गया है.




                                              - चंद्रमौलि शर्मा.

                                                  

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