विरासत संरक्षण हमारी भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत - प्रो. बच्चन कुमार पांडेय
Nawada जिले के वारिसलीगंज प्रखंड अंतर्गत राजकीय इंटर विद्यालय हाजीपुर में शुक्रवार को विश्व विरासत दिवस के अवसर पर संगोष्ठी आयोजित की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा निवृत बैंक पदाधिकारी सुबोध कुमार ने किया.
मुख्य अतिथि पद से इंटैक नवादा चैप्टर के कन्वेनर प्रो. बच्चन कुमार पांडेय ने कहा कि विरासत के संरक्षण से हमारी आने वाली पीढ़ी दर पीढ़ी का बेहतर मार्गदर्शन होगा. विरासत चाहे कोई भी हो यथा प्राकृतिक, मानव निर्मित, लिपि, भाषा, परंपरा, पर्व, कला, पौराणिक मान्यता, गांव के बुजुर्ग, गांव की पुरानी मंदिर, तालाब, वर्षों पुराना वृक्ष या कुआं अथवा पुरानी धरोहरों का संरक्षण करना हमारा उद्देश्य है.
उन्होंने इंटैक की स्थापना की चर्चा करते हुए कहा कि भारत के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1984 में सरकार की नजरों से ओझल विरासत की चीजों के संरक्षण के लिए इंटैक की स्थापना की थी.
संगोष्ठी को विशिष्ट अतिथि पद से संबोधित करते हुए पूर्व अंचल अधिकारी सह राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक संघ के वारिसलीगंज प्रखंड अध्यक्ष श्यामसुंदर दुबे ने कहा कि इंटैक नवादा चैप्टर ने गांव के लोगों के बीच विरासत संरक्षण का मशाल जलाकर उन्हें नैतिक तथा सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरूक किया है.
अध्यक्ष पद से बोलते हुए सेवानिवृत बैंक पदाधिकारी सुबोध कुमार ने कहा कि भारत के संविधान में विरासत संरक्षण की चर्चा है. उन्होंने इंटैक नवादा चैप्टर द्वारा मार्च 2025 में बिलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी कैथी लिपि का प्रशिक्षण सह कार्यशाला का सफल आयोजन कर संकड़ों लोगों को प्रशिक्षित कर विरासत संरक्षण की दिशा में सराहनीय कार्य किया है.
स्वागत भाषण करते हुए इंटैक नवादा के आजीवन सदस्य सह हाजीपुर पैक्स अध्यक्ष सुंदर प्रसाद ने कहा कि सुदूर क्षेत्र में छात्र - छात्राओं के बीच इंटैक ने विरासत की अलख जगाकर विश्व की पौराणिक चीजों की याद दिलाकर एक नई ऊर्जा शक्ति का संचार किया है.
मुख्य वक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए महिला महाविद्यालय वारिसलीगंज के प्राध्यापक प्रो. रविंद्र कुमार रवि ने भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति, पुरानी गीत - संगीत के लय - सुर की चर्चा करते हुए प्रातःकाली गायन तथा शादी - विवाह के मौके पर गाए जाने वाली पुरानी गीतों की परंपरा को कायम रखने पर जोर दिया.
राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक संघ के वरिष्ठ सदस्य समाजसेवी अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि गांव की पुरानी रीति - रिवाज तथा दालान में बैठकर लोगों का आपस में मिलना - जुलना काफी प्रेरणादायक था जिसे कायम रखने की जरूरत है.
संगोष्ठी में अन्य लोगों के अलावा रामसेवक प्रसाद, राजेश कुमार, किशुन प्रसाद, राजेंद्र कुमार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए. राजकीय इंटर विद्यालय हाजीपुर के प्रधानाध्यापक अजीत कुमार ने आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया.
राष्ट्रीय गान के साथ संगोष्ठी का समापन किया गया. मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे. लोगों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साह देखा गया.
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