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खानापुर में आयोजित नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ से भक्तिमय हुआ वारिसलीगंज का वातावरण, बुधवार को होगी पूर्णाहुति

Nawada जिले के वारिसलीगंज नगर परिषद वार्ड संख्या 23 के खानापुर ग्राम में 4 मार्च से प्रारंभ श्री श्री 108 माता मंदिर जीर्णोद्धार, प्राण-प्रतिष्ठा सह नौ दिवसीय शत चंडी महायज्ञ के छठे दिन रविवार की रात्रि में हजारों की संख्या में यज्ञ पंडाल में उपस्थित श्रद्धालु नर-नारियों के बीच प्रेम नगरी बृंदावन से पधारी संगीतमय कथा वाचिका देवी प्रतिभा ने प्रवचन के दौरान कहा कि भगवान की लीलाएं पहले से ही तय हैं. 

ब्रज प्रेम की धरती है. राधा-कृष्ण के प्रेम में त्याग है. त्याग का ही पवित्र नाम प्रेम है. भक्त वत्सल भगवान सच्चे प्रेम के वश में रहते हैं. कहते हैं कि प्रेम की पीड़ा को मीरा जाने या जाने राधा. प्रेम अमर है, प्रेम अजर है. गंगा जल की धारा. रुक्मिणी - कृष्ण के प्रेम का वर्णन करते हुए कथा वाचिका के श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह का मनमोहक दृष्यांकन देख श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हो गए.

देवी प्रतिभा ने अपने प्रवचन में कंस वध का बड़ा ही सजीव चित्रण किया. उन्होंने कई राक्षसों के उद्धार का प्रसंग भी सुनाया. उद्धव-गोपी संवाद के वक्त श्रोतागण सुध-बुध खोकर प्रेम के सागर में गोते लगाते रहे. उन्होंने कहा कि अगर अनजाने में भी प्रभु का नाम सुमिरन होता है तो कलियुग में प्राणी का उद्धार संभव है.

आचार्य हरिनंदन पांडेय ने बताया कि  अयोध्या, वृंदावन तथा काशी से पधारे आचार्यगण महायज्ञ की सफलता में काफी सक्रिय हैं. संत-महात्माओं की भीड़ खानापुर गांव की शोभा बढ़ा रही है. जबकि गांव की दूर - दराज रहने वाली बेटियां, बहु एवं अन्य रिश्तेदार महायज्ञ में पूजा-अर्चना एवं श्रीमद्भागवत कथा सुनने को ले पहुंच चुकी है.

वैदिक मंत्रोच्चारण एवं धार्मिक अनुष्ठानों से खानापुर समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्र का बातावरण भक्तिमय हो रहा है. महायज्ञ स्थल पर भव्य यज्ञशाला की परिक्रमा करने में महिलाएं लीन दिखी. रात्रि में वृंदावन की सुप्रसिद्ध रासलीला मंडली द्वारा प्रस्तुत भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को देख लोग भक्ति से सराबोर हो रहे हैं.

यज्ञस्थल पर मनोरंजन के लिए झूला, वाटर वोट, ब्रेक डांस आदि की व्यवस्था है. नाश्ता, मिठाई, चाट पकौड़े, फास्ट फूड तथा श्रृंगार के सामानों की दुकानें सजी हुई हैं. अहले सुबह से लेकर दोपहर बाद तक यज्ञ मंडप में पूजन हवन कार्यक्रम चलता रहता है. फिर दोपहर में भोजन के लिए लंगर प्रारंभ हो जाता है. दोपहर में ही राजगीर से एक सूरदास कथा वाचक श्री स्वामी जी का संगीतमय श्रीराम कथा होता है. रात्रि में देवी प्रतिभा जी के प्रवचन के बाद पुनः भंडारा शुरू हो जाता है.

महायज्ञ की सफलता के लिए यज्ञाचार्य हरिनंदन पांडेय, आचार्य अजीत कुमार पांडेय, पंकज पांडेय, पवन पांडेय, उमेश पांडेय, सुभाष पांडेय, यजमान बने सपत्नीक अरुण कुमार गौतम एवं उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी, प्रमोद कुमार, ग्रामीण सह यज्ञ आयोजन समिति अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, सचिव गणेश सिंह, वार्ड 23 के पार्षद राम पदारथ सिंह, कोषाध्यक्ष राम अनुग्रह सिंह आदि महायज्ञ को शांतिपूर्ण बातावरण में सम्पन्न कराने में जुटे हैं. 

मौके पर नवादा जिला जद (यू ) महासचिव अधिवक्ता चंद्रमौलि शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार राय, प्रसिद्ध व्यवसायी दिनेश चौरसिया समेत हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे.


बता दें कि 12 मार्च बुधवार को पूजा पाठ के बाद भंडारा के साथ ही दोपहर बाद महायज्ञ की पूर्णाहुति हो जाएगी. महिलाओं को पुत्र रत्न की प्राप्ति में हो रही बाधा अथवा बिलंब की परेशानी से छुटकारा के लिए महायज्ञ की पूर्णाहुति का खीर लेने की यज्ञाचार्य हरिनंदन पांडेय द्वारा सूचना दी गई.








वीडियो देखें : 




                                                    - चंद्रमौलि शर्मा.



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